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आनंद सागर का नाम सर्वथा उपयूक्त है, ये सचमुच आनंद का सागर है | श्री गजानन महाराज के दर्शन करने के लिए आये उनके अनुयायी तथा भक्त स्वाभाविक रूप से इच्छुक होते है की वे यहाँ कुछ दिन रुके तथा संस्थान की धार्मिक, संस्कृतिक तथा शैक्षणिक गतिविधियों में हिस्सा लें, भक्तों की इस इच्छा को केंद्र में रखते हुए संस्थान ने उनके बचे हुए समय में उन्हें प्रकृति तथा अध्यात्म से जोड़ने के लिए एक उद्यान का विकास किया जिसे आनंद सागर नाम दिया गया और आज आनंद सागर का नाम देश के कुछ चुनिन्दा उद्यानों में शुमार है |