![]()
सड़को पर,पेड़ पौधे,घास फूस सब लुप्त....सिर्फ सफेदी...चहु ओर... आँखे और मन तो क्या ऐसा लगा आत्मा तक तृप्त हो गयी थी। सनासर का मलाल ख़त्म हो चूका था। सब तरह की(रोड ब्लाक आदि) समस्या मंजूर थी क्योकि स्नो फॉल देखने का स्वप्न अब वास्तविकता में बदल चूका था।