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जम्मू से आगे पुरे रास्ते में जगह-जगह अमरनाथ यात्रियों के लिए लंगर लगे हुए हैं। खाने-पीने की कोई समस्या नहीं। क्योंकि हम लोग नाश्ता करके नहीं आये थे और अब तक हमें काफी भूख लग गयी थी। हमने गाड़ी वाले से कहा की किसी लंगर पर गाड़ी रोक दो, नाश्ता करना है। ड्राइवर ने बटोट से थोड़ा आगे एक लंगर पर गाड़ी रोक दी। लंगर राजपुरा के पास का था। लंगर में डोसा, पानी पूरी, आइस क्रीम, कुल्फी, कोल्ड ड्रिंक, जलजीरा, दाल चावल, रोटी सब्ज़ी, पॉपकॉर्न, हलवा, खीर और गरमा गरम चाय सब कुछ मिल रहा था। जितना चाहे प्यार से खाओ पर झूठा बचाना सख्त मना है। खाओ मन भर, न छोडो कण भर। वहां ड्राइवर सहित सभी लोगों ने नाश्ता किया, गर्मागर्म चाय पी और पौने घंटे बाद ठीक 12 बजे दोबारा से यात्रा शुरू कर दी।